अध्याय 07 उठ किसान ओ (कविता)

उठ किसान ओ, उठ किसान ओ,
बादल घिर आए हैं
तेरे हरे-भरे सावन के
साथी ये आए हैं

आसमान भर गया देख तो
इधर देख तो, उधर देख तो
नाच रहे हैं उमड़-घुमड़ कर
काले बादल तनिक देख तो
तेरे प्राणों में भरने को
नये राग लाए हैं

यह संदेशा लेकर आई
सरस मधुर, शीतल पुरवाई
तेरे लिए, अकेले तेरे
लिए, कहाँ से चल कर आई

फिर वे परदेसी पाहुन, सुन,
तेरे घर आए हैं

उड़ने वाले काले जलधर
नाच-नाच कर गरज-गरज कर
ओढ़ फुहारों की सित चादर
देख उतरते हैं धरती पर

छिपे खेत में, आँखमिचौनी
सी करते आए हैं

हरा खेत जब लहराएगा
हरी पताका फहराएगा
छिपा हुआ बादल तब उसमें
रूप बदल कर मुसकाएगा

तेरे सपनों के ये मीठे
गीत आज छाए हैं

शब्दार्थ
घिरना - चारों ओर से आना, छाना फुहार - बौछार, नन्हीं-नन्हीं बूँदे
तनिक - थोड़ा-सा सित - सफ़ेद
संदेशा - समाचार, खबर ओढ़ना - ढाँपना, किसी कपड़े आदि
पुरवाई - पूर्व की ओर से चलने वाली से बदन ढकना
हवा पताका - झंडा
शीतल - ठंडी आँख मिचौनी - एक पल दिखना और छिप
परदेसी - दूसरे देश में रहने वाला जाना, लुका-छुपी का खेल
पााहुन - मेहमान, अतिथि गरज - बादलों की ज़ोरारार ध्वनि
जलधर - पानी से भरे बादल

1 कविता से

नीचे लिखी पंक्तियाँ पढ़ो। आपस में चर्चा करके इसके नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दो-

(क) “तेरे हरे-भरे सावन के साथी ये आए हैं” क्या बादल हरे-भरे सावन के साथी हैं अथवा किसान के? या दोनों के।

(ख) “तेरे प्राणों में भरने को नया राग लाए हैं” बादल ऐसा क्या लाए हैं जिससे किसान के प्राणों में नया राग भर जाएगा?

(ग) “यह संदेशा ले कर आई, सरस मधुर शीतल पुरवाई” पुरवाई किसान के लिए क्या संदेशा लेकर आई होगी?

(घ) “तेरे लिए, अकेले तेरे लिए, कहाँ से चलकर आई” क्या सचमुच पुरवाई केवल किसान के लिए चलकर आई है? वह कहाँ से चलकर आई होगी?

2. कविता के आधार पर बताओ कि

(क) जब हरा खेत लहरायेगा तो क्या होगा?

(ख) बादलों के घिर आने पर कवि किसान को उठने के लिए क्यों कहता है?

(ग) रूप बदल कर बादल किसान के कौन से सपनों को साकार करेगा?

3 छिपा है कौन?

“हरा खेत जब लहराएगा

हरी पताका फहराएगा

छिपा हुआ बादल तब उसमें

रूप बदलकर मुसकाएगा”

कविता में हम पाते हैं कि सावन की हरियाली बादलों के कारण ही हुई है इसलिए कवि को उस हरियाली में मुसकराते बादल ही दिखाई देते हैं। बताओ, कवि को इन सब में कौन दिखाई दे सकता है-

(क) गर्म हवा। लू के थपेड़े।

(ख) सागर में उठती ऊँची-ऊँची लहरें।

(ग) सुगंध फैलाता हुआ फूल।

(घ) चैन की नींद सोती हुई बालिका।

4. किस्म-किस्म की खेती

आजकल पुराने जमाने की अपेक्षा किसान बहुत अधिक चीज़ों की खेती करने लगे हैं। खेती का स्वरूप बहुत विशाल हो गया है। पता करो कि आजकल भारत के लोग किन-किन चीज़ों की खेती करते हैं? अपने साथियों के साथ मिलकर एक सूची तैयार करो।

5 मातृभाषा की कविता

अपनी मातृभाषा में ‘किसान’ पर लिखी गई कविता को अपने मित्रों व शिक्षक को सुनाओ।

6 खेल-खेल में

“छिपे खेत में, आँखमिचौनी सी करते आए हैं”

तुम जानते हो कि आँखमिचौनी एक खेल है जिसमें एक खिलाड़ी आँखें बंद कर लेता है और बाकी खिलाड़ी छिप जाते हैं।

तुम भी अपने आस-पास खेले जाने वाले ऐसे ही कुछ खेलों के नाम लिखो। यह भी बताओ कि इन खेलों को कैसे खेलते हैं?

7 गरजना-बरसना

“उड़ने वाले काले जलधर

नाच-नाच कर गरज-गरज कर

ओढ़ फुहारों की सित चादर

देख उतरते हैं धरती पर”

बादल गरज-गरज कर धरती पर बरसते हैं परंतु इसके बिलकुल उलट एक मुहावरा हैजो गरजते हैं, वे बरसते नहीं।

कक्षा में पाँच-पाँच बच्चों के समूह बनाकर चर्चा करो कि दोनों बातों में से कौन-सी बात अधिक सही है। अपने उत्तर का कारण भी बताओ। चर्चा के बाद प्रत्येक समूह का एक प्रतिनिधि पूरी कक्षा को अपने समूह के विचार बताएगा।

8 और मुहावरे

वर्षा से जुड़े या वर्षा के बारे में कुछ और मुहावरे खोज़ो। उनका प्रयोग करते हुए एक-एक वाक्य बनाओ।

9 तनिक

“काले बादल तनिक देख तो।”

तुम भी अपने ढंग से ‘तनिक’ शब्द का इस्तेमाल करते हुए पाँच वाक्य बनाओ।

10. गीत/गाने

तुमने वर्षा छतु से संबंधित कुछ गीतगानों को अवश्य सुना होगा। अगर नहीं तो इससे संबंधित कुछ गीतगानों की सूची बनाओ और अपनी आवश्यकता और सुलभता के अनुसार उन्हें सुनो। उनमें से किसी गीत-गाने को तुम सुविधानुसार किसी अवसर पर गा भी सकते हो।



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