अध्याय 11 आतिथ्य प्रबंधन

प्रस्तावना

जब हम किसी रेस्तराँ या होटल में जाते हैं तो हम चाहेंगे कि हमारा उचित रूप से स्वागत तथा सेवा हो। यदि ऐसा नहीं होता तो हम वहाँ दोबारा जाना शायद ही पसंद करें। भारतीय सभ्यता में अतिथियों को भगवान के समान माना जाता है और उनके साथ वैसा ही व्यवहार किया जाता है, जैसा कि “अतिथि देवो भव” शब्दों में निहित है। इसका निहितार्थ है कि प्रत्येक अतिथि का हार्दिक स्वागत किया जाना चाहिए और उसकी सब प्रकार से सर्वोत्तम देखभाल तथा सेवा की जानी चाहिए। प्राचीन काल में प्राय: व्यक्ति अपने संबंधियों या मित्रों के यहाँ या धर्मशालाओं में रुकते थे। आधुनिक समय में, देश में तथा विभिन्न देशों के बीच बढ़ते हुए व्यापार तथा वाणिज्य ने सत्कार की मूल्यदेय सेवाओं की व्यवस्था को आवश्यक बना दिया है।

वैश्वीकरण के साथ, विश्व छोटा हो गया है, जहाँ लोग अनेक कारणों से देश में और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक स्थान से दूसरे स्थान तक यात्रा करते हैं। ये कारण व्यापर संबंधी प्रयोजन, उत्पादों के विपणन, सरकारी प्रयोजनों, अध्ययन के लिए, तीर्थयात्रा के लिए, स्वास्थ्य की देखभाल के लिए (चिकित्सीय पर्यटन), खाली समय/अवकाश में मनोंजन के लिए, संबंधियों से मिलने जाना या खरीदरी हो सकते हैं। कुछ लोग विभिन्न स्थानों की यात्रा, विशेष रूप से विभिन्न संस्कृतियों का अनुभव करने, परंपरागत इमारतों को देखने के लिए, वन्य जीव या प्राकृतिक सुंदरा को देखने के लिए करते हैं। आपने उत्सवों के लिए खरीदारी, जैसे - उत्सवों, बन्य जीवन पर्पटन आदि के आकर्षक विज्ञापन देखे होंगे और ऐसे लोगों के फ़ोटोग्राफ़ देखे होंगे, जो विभिन्न स्थान से, पुष्कर तथा कुंभ मेले जैसे आयोजनों, मैसूर का दशहरा उत्सव, मुंबई तथा पुणे का गणपति उत्सव आदि देखने के लिए आते हैं। इस प्रकार के आयोजनोंसमारोहों में भाग लेने के लिए या उन्हें देखने के लिए आने वाले सभी लोग, ऐसे स्थानों पर रुकना चाहते हैं जो आरामदायक, सुरक्षित तथा स्वच्छ हों ।यदि ऐसा नहीं होता तो वे अपने साथ अप्रिय स्मृतियाँ लेकर जाते हैं, अत: पर्टटक (पर्यटक वह है जो किसी दूसरे स्थान की यात्रा करता है और वहाँ अस्थायी रूप से ठहरता है।) लगभग उसी प्रकार की सुविधाएँ चाहता है जैसी सुविधाएँ उसे अपने घर में मिलती हैं। इस प्रकार आतिथ्य उद्योग, “एक घर से दूर घर” की सुविधा के रूप में विकसित हुआ है और यह एक तीव्र गति से विकसित हो रहा उद्योग है।

आइए, अब हम आतिथ्य उद्योग जगत का अन्वेषण करें और समझें कि उद्योग को क्या प्रयास करने चाहिए जिससे पर्यटक सुविधाजनक महसूस करें।

मूलभूत संकल्पनाएँ

हम ‘आतिथ्य’ शब्द से प्रारंभ करते हैं। आतिथ्य, अतिथि तथा आतिथ्य/मेजबान के बीच का संबंध है। यह सत्कारशीलता का कार्य//्यवहार है, जिसमें अतिथियों का उदारतापूर्वक और मित्रापूर्ण स्वागत करना, उनका मनोरंजन करना तथा उन्हें शिष्टतापूर्ण सेवाएँ प्रदान करना भी सम्मिलित है। मूल रूप से यह रहने के लिए स्थान, भोजन, मनोरंजन तथा स्नेह को सुगम बनाने के लिए अन्य सुविधाएँ प्रदान करने से संबद्ध है। विभिन्न प्रकार के प्रतिष्ठान आतिथ्य सेवाएँ प्रदान करते हैं, जैसे - होटल, मोटल, आवास (लॉज), सैगाह (रिजजॉर्ट) तथा सुसज्जित फ़्लैट्स|

  • होटल एक व्यापारिक प्रतिष्ठान है जो अतिथियों को आवास, भोजन तथा अन्य सेवाएँ प्रदान करता है।
  • मोटल, होटल जैसी ही सेवाएँ प्रदान करता है और कमरे के समीप पार्किंग की सुविधा प्रदान करता है या कमरे का दरवाजा ही पार्किंग स्थल में खुलता है।
  • आवास (लॉज) किराये पर स्थान प्रदान करता है, विशेष रूप से सोने के लिए और यह भी हो सकता है कि वह भोजन तथा अन्य सेवाएँ न दे।
  • सैगाह (रिजॉर्ट) सुख-सुविधा के आकर्षण के लिए जाना जाता है। यह अनेक प्रकार की सुविधाएँ, खेल की सुविधाएँ तथा अवकाश के क्रियाकलाप प्रदान करता है, जिससे पूर्ण अवकाश का अनुभव प्राप्त हो सके।
  • सुसज्जित फ़्लैट्स अतिथियों को सभी अपेक्षित आवश्यक सुविधाएँ प्रदान करते हैं।
  • सुसज्जित शिविर (कैंप) उन लोगों को आतिथ्य प्रदान करते हैं जो पैदल लंबी यात्रा (हाइकिंग) तथा जोखिम भरे खेलों आदि में भाग लेते हैं।

इनके अतिरिक्त, आतिथ्य सेवाएँ, सम्मेलनों, सभाओं तथा विवाह पार्टियाँ, थीम पार्क (प्रकरण उद्यान), समुद्री पर्यटन (क्रूज), मनोरंजन पार्क जैसे अन्य अवसरों तथा अतिथि गृह, अस्पताल द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं का अभिन्न अंग हैं, आतिथ्य सेवाएँ प्रदान करने वाले संगठनों में प्रायः प्रबंधन विभाग होते हैं। आतिथ्य सेवाएँ छात्रावासों द्वारा भी प्रदान की जाती हैं। आतिथ्य प्रबंधन के मूल सिद्धांत सभी के लिए लागू होते हैं। सुचारु तथा दक्षतापूर्ण कार्य निष्पादन के लिए, विभिन्न क्षेत्रों या विभागों द्वारा किए जाने वाले कार्यों को चित्र 10.1 में दर्शाया गया है।

चित्र 11.1 - आतिथ्य उद्योगों के विभाग/क्षेत्र

विभिन्न विभागों को अधिक अच्छी प्रकार से समझने के लिए ‘अतिथि चक्र’ की संकल्पना को समझना आवश्यक है। अतिथि चक्र क्या है? ‘अतिथि चक्र’ होटल में अतिथियों के पहुँचने के पहले ही प्रारंभ हो जाता है और इसमें चार अवस्थाएँ होती हैं जिसे अगलेपृष्ठ पर दर्शाया गया है - (चित्र 11.2)।

1. आगमन पूर्व अवस्था— आगमन पूर्व अवस्था में किए जाने वाले क्रियाकलापों में (i)अतिथि के लिए दर उद्दृत करना (ii) इसके पश्चात् केंद्रीय आरक्षण पद्धति या आरक्षण विभाग द्वारा कमरा आरक्षित करना शामिल है।

2. आगमन अवस्था—इस चरण में, जैसा कि शीर्षक से ज्ञात होता है, अतिथि का वास्तव में आगमन होता है और उसका नाम रजिस्टर में दर्ज किया जाता है या चेक-इन होता है।

3. कमरे पर आधिपत्य (ऑक्यूपेंसी) —इस चरण में अतिथि की आवश्यकताओं के अनुसार, अतिथि की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए विभिन्न अतिथि सेवाओं के समन्वयन के साथ, विभिन्न सेवाएँ प्रदान की जाती हैं। मुख्य केंद्र बिंदु अतिथि की संतुष्टि है, जिससे कि अतिथि का संरक्षण सुनिश्चित हो सके और वह प्रतिष्ठान की सेवाओं को आगे भी उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित हो सके। दूसरे शब्दों में, ‘ग्राहक की निष्ठा’ को पाना और उसे बनाए रखना।

चित्र 11.2 - ‘अतिथि चक्र’ की अवस्थाएँ

4. प्रस्थान — यह अतिथि चक्र की अंतिम अवस्था है, जिसमें अतिथि आवास छोड़ने/बाहर जाने या ‘चेक आउट’ के लिए तैयार होता है। अतिथि द्वारा कमरे के आधिपत्य का अद्यतन रिकॉर्ड रखा जाता है, जिसमें अतिथि संबंधी अन्य सूचनाएँ भी होती हैं, जिन्हें ‘अतिथि संबंधी जानकारी’ के रूप में जाना जाता है। इसमें सेवाओं के बारे में अतिथि की राय (प्रतिपुष्टि) भी सम्मिलित होती है।

एक संगठन के आतिथ्य प्रबंधन में सम्मिलित विभाग

प्रमुख कार्यालय (फ्रंट ऑफिस)—अतिथि चक्र अधिकांशत: प्रमुख कार्यालय के क्षेत्र में आता है। यह प्रमुख कार्यालय ही है जहाँ अतिथि का आगमन होता है और उसका पहली बार आतिथ्य उद्योग के स्टाफ़/कर्मचारियों से संपर्क होता है। अतिथि और संगठन के बीच अच्छे संबंध विकसित करने तथा संगठन की अच्छी छवि बनाने के लिए अतिथि तथा स्टाफ़ के बीच पारस्परिक संपर्क (अंतःक्रिया) अत्यंत महत्वपूर्ण है, इसलिए प्रमुख कार्यालय किसी भी होटल का केंद्र बिंदु है।

स्टाफ़ द्वारा दी जाने वाली सेवाओं में अतिथियों का स्वागत करना, उनसे मिलना तथा उनका अभिवादन करना, कमरे के आरक्षण की उपलब्धता की स्थिति को व्यवस्थित करना, अतिथियों तथा कमरों के आबंटन का पंजीकरण करना, ‘चेक इन’ तथा ‘चेक आउट’ के विवरणों के रिकॉर्ड रखना, कुलियों की सेवाएँ, अतिथियों को कमरे की चाबियाँ सौंपना, ग्राहकों को अन्य अतिथि सेवाओं में समन्वय/ताल-मेल रखने संबंधी सूचना देना, अतिथियों को अपने संगठन की तथा बाहर की जानकारी देना और उनके बिल बनाना तथा भुगतान कराना (निपटाना) शामिल है। अतिथियों को प्रदान की जाने वाली सेवाओं का तरीका संस्थान की छवि बनाने तथा अंततोगत्वा राजस्व बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। क्या आप चाहेंगे कि आपका स्वागत भावशून्य तथा उदासीन व्यक्ति करे? शायद कभी नहीं। प्रमुख कार्यालय के कर्मचारी अतिथियों को सेवाएँ प्रदान करने के लिए विभिन्न विभागों से समन्वय करते हैं, जैसे - अतिथियों को परिवहन सुविधा प्रदान करने में परिवहन विभाग, लेखा विभाग, बिल विभाग, कमरे में दी जाने वाली सेवाएँ, रेस्तराँ, इंजीनियरिंग, भंडार, विक्रय तथा गृह व्यवस्था विभाग। चित्र 11.3 में प्रमुख कार्यालय का संगठनात्मक चार्ट दर्शाया गया है-

चित्र 11.3 - प्रमुख कार्यालय के विभाग का संगठन

सारणी 11.1 में प्रमुख कार्यालय में कार्य करने वाले स्टाफ़ के विभिन्न सदस्यों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाएँ दर्शायी गई हैं-

सारणी 11.1 प्रमुख कार्यालय में काम करने वाले विविध कार्मिकों के पदनाम और कार्य/कर्तव्य -

पद नाम कार्य/कर्त्तव्य
प्रमुख कार्यालय प्रबंधक प्रमुख कार्यालय, लॉबी (प्रतीक्षा कक्ष), परिवहन क्रियाकलाप की व्यवस्था करने के
लिए उत्तरदायी होता है। चूँकि सभी होटल 24 घंटे काम करते हैं, अतः पालियों में आने
वाले स्टाफ़ के आवर्तन और ड्यूटी की सारणी बनाना, दिन में आगमन की जाँच करना,
अतिविशिष्ट व्यक्तियों का आगमन, गृह व्यवस्था तथा अन्य विभागों से समन्वय करना।
प्रमुख कार्यालय पर्यवेक्षक होटल के प्रमुख कार्यालय पर्यवेक्षक के रूप में पाली के लिए उत्तरदायी हैं। सभी आने
वालों से मिलता है और उनका स्वागत करता है, सही तथा शीघ्र आवास की प्रक्रिया को
सुनिश्चित करता है। वह कमरे में आधिपत्य की जाँच करता/करती है।
प्रमुख कार्यालय कोषाध्यक्ष अतिथियों के बिलों का लेखा-जोखा रखने तथा जब अतिथि जाएँ (चैक आउट करें), तब
उनसे भुगतान लेने के लिए उत्तरदायी है।
दूरभाष प्रचालक/सूचना सहायक होटल में रह रहे अतिथियों तथा आगंतुकों को सूचना प्रदान करने तथा उनके साथ संपर्क
बनाए रखने के लिए उत्तरदायी है।
सहायक प्रबंधक-प्रमुख कार्यालय मुख्य कार्यालय के प्रबंधक की अनुपस्थिति में मुख्य कार्यालय को सुव्यवस्थित रखना
तथा उसका पर्यवेक्षण करना।
प्रतीक्षा कक्ष (लॉबी) प्रबंधक वर्दीधारी सभी सेवाओं को संगठित करना, उनका पर्यवेक्षण तथा नियंत्रण करना।
स्वागती (प्रमुख कार्यालय एजेंट) अतिथियों के लिए कमरे आरक्षित करना, रजिस्टर में नाम दर्ज करना तथा कमरा निर्धारित
करता है तथा अतिथियों को उनके होटल में रहने के दौरान जब भी आवश्यक हो, सूचना
प्रदान करना।
बेल कप्तान प्रतीक्षा कक्ष में सभी वर्दीधारी सेवकों और सामान/संदेशवाहक को संगठित करना,
पर्यवेक्षण तथा नियंत्रण करना। होटल में लाने और वहाँ से ले जाने के समय सारे सामान
का पर्यवेक्षण करना।

गृह व्यवस्था विभाग — गृह व्यवस्था विभाग मूलतः स्वच्छता को सुनिश्चित करके और साफ़-सफ़ाई के उच्च मानकों को बनाए रखकर स्वस्थ परिवेश प्रदान करने के लिए उत्तरदायी है, साथ ही यह भी सुनिश्चित करता है कि संपूर्ण प्रतिष्ठान के सौंदर्य को बनाए रखा जाए। अतिथियों का होटल में रहने तथा भविष्य में बार-बार उसी होटल में आने का निश्चय, मुख्यतः प्रदान की गईं सेवाओं की गुणवत्ता पर निर्भर करता है। होटल के लिए कमरे की साज-सज्जा, कमरे में प्रदान की गईं सुविधाएँ, सुरक्षा, स्वच्छता तथा सफ़ाई सबसे महत्वपूर्ण हैं।

आजकल, निगमित कार्यालयों सहित अनेक संस्थाएँ ठेके के आधार पर गृह व्यवस्था सेवाओं को ले रहे हैं। इससे अनेक व्यक्तियों के लिए अपने-अपने उद्यम प्रारंभ करने का मार्ग प्रशस्त होता है। जब गृह व्यवस्था परामर्श व्यापारिक स्तर पर की जाती है तो इसमें अधिक चुनौतियाँ तथा क्रियाकलाप होते हैं। अनेक कमरों तथा सार्वजनिक क्षेत्रों का रखरखाव अति व्यापक तथा जटिल कार्य हो जाता है। ग्राहक को मूल्यवान सेवाएँ प्रदान करने के लिए यह अनिवार्य है कि विभिन्न अनुभागों तथा प्रशिक्षित कर्मचारियों वाले विभाग को योजनाबद्ध तरीके से संगठित किया जाए।

गृह व्यवस्था विभाग के कार्य—

स्वच्छता तथा साफ़-सफ़ाई बनाए रखना मुख्य कार्य होने के कारण यह निम्नलिखित के लिए उत्तरदायी है-

  • सार्वजनिक क्षेत्रों की साफ़-सफ़ाई करना।
  • धुले कपड़ों का अनुरक्षण (रखरखाव) तथा आपूर्ति और विभिन्न प्रकार की लिनेन तथा ड्रेसों को बदलना।

चित्र 11.4 - गृह व्यवस्थापिका लिनेन बदलते हुए

  • होटल के अंदर फूलों की सजावट की व्यवस्था तथा होटल के बाहर के प्राकृतिक दृश्य (भू-दृश्य) परिदृश्य या उद्यान का रखरखाव।

चित्र 11.5 - होटल उद्यान में विशिष्ट प्रकाश व्यवस्था का एक दृश्य

  • नियंत्रक डेस्क के माध्यम से प्रमुख कार्यालय, रेस्तराँ, इंजीनियरिंग, लेखा आदि जैसे विभिन्न विभागों में समन्वय तथा संचार स्थापित करना।
  • पीड़क-जंतु नियंत्रण (कीट नियंत्रण) भी इसी विभाग का उत्तरदायित्व है।

इन कार्यों को दक्षतापूर्वक करने के लिए गृह व्यवस्था विभाग को जिन वर्गों में बाँटा गया है, वे इस प्रकार हैं-

1. गृह व्यवस्था नियंत्रण डेस्क—होटल के विभिन्न भागों में कार्य करने वाले कर्मचारियों तक सूचना पहुँचाता है।

2. गॄह व्यवस्था प्रबंध — गॄह व्यवस्था विभाग के सभी क्रियाकलापों की योजना बनाता है, सुव्यवस्थित तथा नियंत्रित करता है।

3. अतिथि गृह ब्रिगेड — अतिथि गृहों की स्वच्छता तथा रखरखाव करती है।

4. सार्वजनिक क्षेत्र ब्रिगेड — पार्श्व क्षेत्र (फोयर), प्रतीक्षा कक्ष, प्रमुख कार्यालय तथा अन्य सार्वजनिक क्षेत्रों की स्वच्छता बनाए रखती है।

5. लिनेन तथा वर्दी कक्ष-यह लांड्री संबंधी गतिविधियों में समन्वय स्थापित करने, पूरे प्रतिष्ठान को धुले हुए साफ़ लिनेन तथा सभी कर्मचारियों को वर्दी प्रदान करने का दायित्व पूरा करता है।

6. उद्यान तथा पुष्प प्रबंधन टीम —होटल के भू-दृश्यों का रखरखाव करती है तथा कमरों एवं विभिन्न स्थानों में पुष्प सज्जा संबंधी कार्य करती है।

7. खोया-पाया विभाग-अतिथियों के खोए हुए सामान को जमा करने का कार्य करता है।

गृह व्यवस्था विभाग का कर्मचारी भर्ती संरूप (स्टाफ़िंग पैटर्न)

विभाग को दक्षतापूर्वक चलाने के लिए विभिन्न पदों के लिए उपयुक्त जनशक्ति का चयन अनिवार्य है। चित्र 11.4 में, होटल में कर्मचारियों के पदानुक्रम का संगठनात्मक चार्ट दिया गया है। एक संस्था/होटल की संस्थागत संरचना तथा पदानुक्रम दूसरी संस्था/होटलों से भिन्न हो सकती है। कहीं पर विभिन्न पदों के लिए अलग-अलग व्यक्ति नियुक्त किए जा सकते हैं अथवा एक ही कर्मचारी से विभिन्न कार्यों को कराया जा सकता है।

चित्र 11.6 - गृह व्यवस्था विभाग का सामान्य संगठनात्मक चार्ट

गृह व्यवस्था विभाग के कार्मिकों के उत्तरदायित्व

  • कार्यपालक गृह-अनुरक्षक- जनशक्ति, पदार्थों, धन, समय तथा अन्य संसाधनों के विवेकपूर्ण प्रयोग द्वारा विभाग की कार्यप्रणाली के प्रबंधन के लिए उत्तरदायी है। वह गृह व्यवस्था विभाग की समयसारणी, स्वच्छता तथा सभी कार्य-पद्धति को नियंत्रित करती/करता है।
  • सहायक गृह-अनुरक्षक- किसी बड़े होटल में प्रत्येक पाली के लिए एक सहायक गृह-अनुरक्षक की ड्यूटी लग सकती है। यह ड्यूटी की समय-सारणी तैयार करता है तथा स्वच्छता एवं कर्मचारियों के प्रकार्यों की जाँच करता है।
  • डेस्क नियंत्रण पर्यवेक्षक-अतिथियों के प्रस्थान की सूचना के लिए प्रमुख कार्यालय से समन्वय रखता है, खाली हुए कमरों की सफ़ाई कराकर स्वच्छ कमरे सुपुर्द करता है। इस डेस्क पर 24 घंटे व्यक्ति रहना चाहिए, क्योंकि अतिथि और स्टाफ़ किसी भी समय सूचना देने या प्राप्त करने के लिए इस डेस्क से संपर्क कर सकता है।
  • तल पर्यवेक्षक-प्रत्येक तल के लिए एक पर्यवेक्षक होता है, जो अतिथियों के कमरों, गलियारे, सीढ़ियों तथा रसोई-भंडार की स्वच्छता तथा रखरखाव के लिए उत्तरदायी होता है।
  • कमरा परिचर — अतिथियों के कमरों तथा स्नानगृहों की वस्तुतः सफ़ाई करता है। गॄह-अनुचर साफ़सफ़ाई के भारी क्रियाकलाप करता है, जैसे - वैक्यूम करना, झाड़ लगाना, पोंछा लगाना तथा फ़र्नीचर को खिसकाना।
  • सार्वजनिक क्षेत्र पर्यवेक्षक-सार्वजनिक क्षेत्रों को स्वच्छ रखने के लिए उत्तरदायी है (मुख्य प्रवेश, गलियारा, दफ़्तर, भोजगृहों, रेस्तराँ आदि)। गृह अनुचरों से कार्य लेता है।
  • पुष्प उत्पादक/माली — छोटे होटल के लिए एक व्यक्ति हो सकता है। यह बाग का रखरखाव करता है और होटल के विभिन्न भागों में पुष्प सज्जा करता है।
  • लिनेन कक्ष/वर्दी कक्ष पर्यवेक्षक- होटल के विभिन्न भागों में ज़रूरी लिनेन तथा वर्दियों की आपूर्ति, प्राप्ति, संग्रहण, वितरण तथा स्वच्छता के लिए उत्तरदायी है।

किसी भी संगठन/दफ़्तर/ होटल के लिए स्वच्छता एक अनिवार्य भाग है, इसलिए इसमें योजना बनाना तथा गृह-अनुरक्षण के व्यावहारिक परिचालन कौशलों में दक्ष ऐसे कर्मचारियों का चयन करने, सुव्यवस्थित उपागम अपनाने की आवश्यकता है, जो सफ़ाई की उचित विधियों तथा गुणवत्ता सेवाओं को सुनिश्चित करने के लिए प्रशिक्षित पर्यवेक्षकों की देखरेख में कार्य करने के कौशलों से युक्त हों। विशिष्ट उपकरणों/साधनों तथा साफ़ करने के घोलों का उपयुक्त चयन तथा नवीनतम प्रौद्योगिकीय अनुप्रयोगों की जानकारी प्रशिक्षण का एक आवश्यक भाग है। स्वच्छता कार्य को दैनिक, साप्ताहिक या मासिक अथवा आवधिक आधार पर किया जाता है।

होटल के विभिन्न तलों की सफ़ाई उपयुक्त औज़ारों, साफ़ करने के घोलों तथा विशिष्ट विधियों द्वारा की जाती है। दीवार, फ़र्श, काउंटर का ऊपरी भाग तथा फ़र्नीचर के लिए विभिन्न पदार्थों तथा परिष्कारों (पॉलिश) का प्रयोग किया जाता है, जैसे - लकड़ी, ग्रेनाइट, संगमरमर, सिरेमिक की टाइलें, पत्थर, लिनेलियम,

प्लास्टिक, विनाइल, तंतुकाँच (फ़ाइबर ग्लास), धातुएँ, चमड़ा, बेंत, रबर, कपड़ा, पेंट, वॉल पेपर आदि। अच्छी स्वच्छता रखने के लिए अनेक उपकरणों की आवश्यकता होती है। प्रायः उपयोग किए जाने वाले विभिन्न उपकरणों में वैक्यूम-क्लीनर, विभिन्न प्रकार के ब्रुश तथा पोंछे, बर्तन, साफ़ करने के कपड़े तथा विभिन्न उपकरणों को ले जाने के लिए ट्रॉलियाँ आदि शामिल हैं। विभिन्न सतहों तथा पदार्थों को साफ़ करने के लिए विभिन्न सफ़ाई कारक काम में लाए जाते हैं, जैसे - पानी, अमोनिया, सिरका, साबुन तथा डिटर्जेंट्स, कपड़े धोने का सोडा, अपघर्षक, पॉलिश, अम्ल और ऐसे ही अन्य द्रवा इन सफ़ाई कारकों का उपयोग करते समय बहुत सावधानी बरतनी चाहिए। कुछ तेज़ कारक वस्तु/पदार्थ को साफ़ करते समय सतह को खराब कर सकते हैं, अतः समुचित अपमार्जकों का चयन किया जाना चाहिए।

क्रियाकलाप 11.1

विद्यार्थियों को चार समूहूों में बाँटना होगा। प्रत्येक समूह, किसी होटल में जाएगा और सफ़ाई करने की विधियों को देखेगा और सीखेगा। प्रत्येक समूह को दैनिक, साप्ताहिक, मासिक तथा मौसमी आधार पर की जाने वाली सफ़ाइयों की विधियों को देखने और प्रत्येक के लिए विभिन्न चरणों में किए जाने वाले कार्य को विस्तार से निम्नलिखित प्रारूप में लिखने के लिए कहा जाएगा, जैसे - किन पदार्थों को साफ़ किया गया तथा उपयोग किए गए उपकरण/साधन आदि। नोट — इसमें कई चरण होते हैं।

समूह 1

सफ़ाई करने की विधि दैनिक/साप्ताहिक/मासिक/प्रयुक्त किए गए साधन के चरण नियतकालिक

1. ………………………..

2. ………………………..

3. ………………………..

समूह 2

विभिन्न सतहों को साफ़ करने की विधियों का पता लगाकर निम्नलिखित रूप में लिखिए सामग्री साफ़ करने की विधि

लकड़ी

ग्रेनाइट

संगमरमर

समूह 3

विभिन्न प्रकार के सफ़ाई करने के उपकरणों, जैसे - झाड़ओं, ब्रुश, पोंछे आदि का पता लगाने के लिए बाज़ार का सर्वेक्षण कीजिए और अपनी प्रयोगात्मक कॉपी में उनके चित्र बनाइए तथा उपयोग लिखिए। साफ़ करने वाले उपकरणों का मूल्य भी लिखिए।

$\begin{aligned} & \text { झाड़ू - प्रकार - मूल्य - चित्र } \\ & \text { ब्रुश - प्रकार - मूल्य - चित्र } \\ & \text { पोंछे — प्रकार - मूल्य - चित्र } \end{aligned}$

समूह 4

बाजार में उपलब्ध साफ़ करने वाले विभिन्न एजेंट्स के नाम तथा उनका मूल्य बाज़ार का सर्वेक्षण करके ज्ञात कीजिए। उनके ब्रांड, मूल्य, गुणों तथा लेबल की सूचना को रिकॉर्ड कीजिए। इसके लेबल पर निर्माता द्वारा दी गई सावधानियों तथा प्रयोगों की सूची बनाइए।

लिनेन तथा वर्दी कक्ष, गृह व्यवस्था विभाग का एक अभिन्न हिस्सा है। यदि सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाती हैं, तो धुलाई विभाग में ही धुलाई की जा सकती है, अन्यथा यह काम किसी बाहरी एजेंसी को दिया जा सकता है। लिनेन कक्ष भंडार में पलंग की चादर, स्नान गृह के लिए तौलिए, रेस्टोरेंट के लिए लिनेन तथा होटल के स्टाफ़ के सभी सदस्यों के लिए वर्दियों का पर्याप्त स्टॉक जमा रखा जाता है और उसका रखरखाव किया जाता है।

विभिन्न आंतरिक स्थानों के सौंदर्यपरक आकर्षण को बढ़ाने के लिए फूलों का प्रयोग किया जाता है। संस्थान किसी पुष्प विक्रेता से, नियमित रूप से फूलों की व्यवस्था/साज-सज्जा हेतु अनुबंध कर सकता है। विकल्पतः गृह व्यवस्था विभाग होटल के विभिन्न क्षेत्रों में पुष्प सज्जा की व्यवस्था कर सकता है।

क्रियाकलाप 11.2

किसी होटल में जाइए तथा विभिन्न स्थानों, जैसे - रेस्टोंटट, भोज-कक्ष, स्वागत-कक्ष, बैठक-कक्ष की मुख्य मेज, सम्मेलन मेज़, मंच आदि पर फूलों की व्यवस्था को देखिए। पुष्प-सज्जा के आकार तथा स्थान निर्धारण को नोट कीजिए।

अनेक होटलों में कर्मचारियों को पर्यावरण संरक्षण तथा पारिस्थितिक अनुकूलता के लिए प्रशिक्षित किया जाता है, जैसे -100 प्रतिशत जैव सूती चादरें, रसायन मुक्त धुलाई चक्र और ऐसे कारकों का उपयोग करना जो अविषैले, जल-आधारित, हाइपोएलरजैनिक तथा जैव-निम्नीकरणीय हों। होटल के कमरों में ऐसे कार्ड रखे जा सकते हैं, जिनमें तौलियों के पुनः उपयोग के लिए संसाधनों, जैसे - जल, विद्युत, धुलाई में उपयोग, होने वाले डिटर्जेंट की बचत करने के लिए आग्रह किया गया हो। कमरों में ऊर्जा-दक्ष बल्बों के उपयोग से विद्युत की बचत की जा सकती है।

खाद्य तथा पेय पदार्थ विभाग

खाद्य तथा पेय पदार्थ विभाग, खाद्य तथा पेय पदार्थों की बिक्री के लिए उत्तरदायी है तथा इससे संबंधित सेवा विभागों में रसोईघर, भोज-कक्ष (दावतखाना) रेस्तराँ, रूम सर्विस, परिचर तथा कॉफ़ी शॉप/मधुशाला (बार) आदि शामिल हैं।

रसोईघर वह स्थान है, जहाँ भोजन तैयार किया जाता है। बड़े होटलों में भोजन तैयार करने से संबंधित विभिन्न पक्षों, जैसे - बूचड़खाना (कच्चे माँस से संबंधित), बेकरी तथा मिष्ठान भंडार, सब्ज़्जाएँ तैयार करना, सूप विभाग, पेंट्री, चूल्हे आदि के स्वतंत्र अनुभाग हो सकते हैं। छोटे होटलों में ये सभी अनुभाग

रसोईघर से जुड़े होते हैं। बड़े-बड़े संस्थानों में रसोईघर में बहुत-से कर्मचारी (रसोईघर-कर्मीदल) हो सकते हैं। कार्यपालक रसोइया रसोईघर का प्रमुख होता है, जो रसोईघर के क्रियाकलाप की योजना बनाने, व्यवस्था करने तथा नियंत्रण करने के लिए उत्तरदायी है। इसके बाद उप-रसोइया होता है। रसोईघर के कुछ अनुभागों के लिए पर्यवेक्षक होते हैं, जिन्हें ‘शेफ़-डे-पार्टी’ कहा जाता है। इसके अतिरिक्त अनेक रसोइए होते हैं जो खाने की सामान्य वस्तुएँ बनाते हैं। अतिथियों को भोजन के आदेशों की पूर्ति हेतु रेस्तराँ के कर्मचारी रसोईघर के कर्मचारियों के साथ पूरा समन्वय बनाए रखते हैं।

रसोईघर की व्यवस्था का संबंध रेस्तराँ तथा रसोईघर के भंडारण, रखरखाव, स्वच्छता तथा छुरी-काँटे, क्रॉकरी एवं काँच के बर्तनों को वितरित करने से है। रसोईघर में स्वच्छता बनाए रखना तथा बर्तनों और कढ़ाइयों को साफ़ करने का उत्तरदायित्व इस विभाग का ही है। इस विभाग में एक कार्यपालक रसोई प्रबंधक, खाने के बर्तन धोने (डिशवाशर) तथा पकाने वाले बर्तन (पॉट वाशर) तथा रसोईघर को साफ़ रखने के लिए उपयोगी कर्मी हो सकते हैं। इस विभाग में कार्य करने वाले कर्मियों में बनने-संवरने, स्वास्थ्य तथा स्वच्छता एवं अच्छा आचरण तथा मूलभूत शिष्टाचार के उच्च स्तर का होना आवश्यक है। प्रत्येक होटल ग्राहकों को विभिन्न प्रकार के भोजन तथा पेय पदार्थ परोसता है।

रेस्तराँ एक व्यापारिक सुविधा है जो ग्राहकों को खाद्य तथा पेय पदार्थ उपलब्ध कराता है। ये खाने की मेजों, कुर्सियों तथा अन्य आवश्यक फ़र्नीचर और साथ ही प्लेट-प्याले, छुरी-काँटों तथा लिनेन से सुसज्जित होते हैं और संस्थापना के उद्देश्यों, संकल्पना तथा मानदंडों के अनुरूप इनकी गुणवत्ता भिन्न-भिन्न होती है। रेस्तराँ में विविध कर्मचारी होते हैं। रेस्तराँ का प्रबंधक रेस्तराँ के समग्र कार्य संचालन के लिए उत्तरदायी होता है। वरिण्ठ रेस्तराँ पर्यवेक्षक तथा प्रधान बैरा (वेटर) बैरों तथा परिचारिकों के दल का नेतृत्व करते हैं, जो वास्तव मे भोजन परोसते हैं तथा सहायक बैरे मेज़ों को साफ़ करते हैं। ये ध्यान रखते हैं कि स्वच्छता, साफ़-सफ़ाई तथा सेवाओं का उचित स्तर बना रहे। उन्हें अतिथियों के साथ भद्र तथा शिष्टाचारपूर्ण व्यवहार करना चाहिए और उनके चेहरे पर मुस्कान होनी चाहिए। उन्हें भोजन परोसने के तरीकों का विस्तृत ज्ञान होना चाहिए।

सहायक सेवा विभाग

होटल में कुछ अन्य विभाग होते हैं जो सहायता प्रदान करते हैं और होटल के समग्र प्रबंधन तथा दक्षतापूर्ण कार्य संचालन में सम्मिलित होते हैं। ये विभाग, जिन्हें ‘बैक ऑफ़िस’ भी कहा जा सकता है, ये हैं- वित्त तथा लेखा, इंजीनियरी, मानव संसाधन विभाग, विक्रय तथा विपणन विभाग। इस प्रकार किसी होटल में अनेक विभाग होते हैं, जिनमें आपस में जटिल संबंध होते हैं। संस्थापना के सुचारु कार्य संचालन के लिए व्यक्ति, सामग्री तथा अन्य संसाधनों के दक्ष प्रबंधन की आवश्यकता होती है।

प्रबंध कार्य

प्रबंध कार्य हैं — आयोजना, संगठन, समन्वय, स्टाफ़ नियुक्ति, निर्देशन, नियंत्रण तथा संस्थापना के उद्देश्यों के संदर्भ में संसाधनों के उपयोग का मूल्यांकन करना। इनमें से प्रत्येक कार्य की विवेचना संक्षेप में भोजन के अध्याय में की गई है।

होटल की संगठनात्मक संरचना पदानुक्रम में शीर्ष प्रबंधन, मध्य प्रबंधन, अवर प्रबंधन, पर्यवेक्षक तथा प्रचालन स्टाफ़ आते हैं। आतिथ्य उद्योग में इनमें से प्रत्येक स्तर पर नौकरी के अवसर उपलब्ध हैं। युवा कार्यबल के मुख्य भाग होंगे। होटल युवाओं को इसलिए वरीयता प्रदान करते हैं, क्योंकि उनमें अधेड़ उम्र के व्यक्तियों की अपेक्षा अधिक/कई घंटों तक कार्य करने के लिए ऊर्जा होती है। वह जज्यादा शिक्षा में प्रगति होने से अधिक जानकार तथा बेहतर सूचित होते हैं। वे नवीनतम प्रौद्योगिकियों तथा नए विचारों को अपनाने के लिए तत्पर रहते हैं। उनके अंदर सफलता तथा अधिक पैसा अर्जित करने की महत्वाकांक्षा होती है। चूँकि आतिथ्य उद्योग तेज़ी से विकसित हो रहा है, इसलिए आपके लिए इस क्षेत्र में समाविष्ट होने के अनेक अवसर हैं। आतिथ्य प्रबंधन के मूल सिद्धांत छात्रावासों तथा बड़े अस्पतालों में भी लागू होते हैं।

इस उद्योग में कार्य करने के लिए अनिवार्य योग्यताएँ अपेक्षित हैं जो इस प्रकार हैं —कर्मचारियों का प्रशिक्षित होना आवश्यक है, चेहरे पर मुस्कान के साथ-साथ साफ़-सुथरा, व्यवस्थित तथा अच्छे आचरण वाला और शिष्टाचारपूर्ण होना चाहिए। आदर्श प्रमुख कार्यालय स्टाफ़ की संभावनाओं में हँसमुख, स्व-अनुशासन, विनम्रता, शारीरिक स्वस्थता तथा आत्मविश्वास और बहु-भाषायी कौशल के साथ-साथ अच्छे संचार कौशल भी शामिल हैं। स्टाफ़ द्वारा ध्यान में रखे जाने वाले कुछ अन्य पक्ष हैं, साफ़ तथा ठीक प्रकार से इस्तरी की हुई वर्दी, न्यूनतम सहायक साधन और अच्छे ढंग से बनाए हुए बाल। नाखून साफ़ तथा सही तरह से कटे हों। प्रमुख कार्यालय के कर्मचारियों को हर समय अच्छा दिखना चाहिए, क्योंकि ये केवल अपनी ही नहीं, बल्कि संस्थापना की भी अच्छी छवि प्रस्तुत करते हैं।

देश के विभिन्न भागों में भोजन प्रबंध तथा आतिथ्य प्रबंधन के विभिन्न पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं, जो प्रमाणपत्र से लेकर स्नातक उपाधि तक हैं।

होटल प्रबंधन एक कैरियर के लिए सबसे लोकप्रिय विकल्प है। खानपान और आतिथ्य प्रबंधन पाठ्यक्रम विभिन्न संस्थानों द्वारा चलाए जाते हैं। कैटरिंग आतिथ्य उद्योग का हिस्सा है। अभ्यार्थी स्नातक स्तर के साथ-साथ स्नातकोत्तर स्तर पर खानपान के कोर्स कर सकते हैं। डिग्री पाठ्यक्रमों के अलावा कोई भी इस क्षेत्र में डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स कर सकता है।

जीविका के अवसर-

  • गृह व्यवस्था विभागों में विभिन्न पदानुक्रम स्तरों पर पद
  • गृह व्यवस्था में उद्यमशीलता के अवसर
  • होटल में प्रमुख कार्यालय तथा स्वागतन नियंत्रण डेस्क के पद
  • फूलों की आपूर्ति, सजावट करने आदि के लिए उद्यमशीलता के अवसर
  • संगठन के अंदर विषय-वस्तु-आधारित कार्यक्रम प्रबंधन में विशेषज्ञ

प्रमुख शब्द

आतिथ्य प्रबंधन, प्रमुख कार्यालय, गृह व्यवस्था, खाद्य तथा पेय पदार्थ विभाग।

पुनरवलोकन प्रश्न

1. होटल में ‘प्रमुख कार्यालय’ का क्या महत्त्व है?

2. प्रमुख कार्यालय स्टाफ़ के किन्हीं तीन स्टाफ़ सदस्यों के उत्तरदायित्वों को लिखिए।

3. किसी होटल के गृह व्यवस्था विभाग के किन्हीं तीन सदस्यों के उत्तरदायित्वों को लिखिए।

4. रेस्तराँ तथा रसोईघर के अर्थ तथा कार्यप्रणाली को समझाइए।

5. किसी होटल में विभिन्न प्रकार की कौन-सी भोजन सेवाएँ होती हैं? लिखिए।

6. होटलों के संदर्भ में प्रबंधकों के क्या कार्य हैं?

7. बताइए कि निम्नलिखित कथन सही हैं या गलत -

(क) प्रमुख कार्यालय कार्मिक के लिए ‘चेहरे पर मुस्कान होना’ सर्वाधिक स्थायी योग्यता है।

(ख) एक ‘स्यूट’ में दो कमरे होते हैं, एक बैठक एवं भोजन क्षेत्र और दूसरा कमरा शयन-कक्ष होता है।

(ग) गृह व्यवस्था विभाग ग्राहकों को भोजन प्रदान करता है।

(घ) रसोईघर प्रबंधक भोजन तैयार करने से संबंध रखता है।

(ङ) नियंत्रण करना यह सुनिश्चित करने का कार्य है कि योजनाएँ तथा उद्देश्य समय-सारणी तथा आवंटित बजट के अनुरूप हैं।



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