मानव कल्याण में सूक्ष्मजीव अभ्यास १०

प्रश्न:

बायोफर्टिलाइजर कैसे मिट्टी की संतानता को समृद्ध करते हैं?

उत्तर:

  1. बायोफर्टिलाइजर वे संग्रहीत माइक्रोऑर्गेनिज्म्स के जीवन्त पदार्थ होते हैं जो मिट्टी की संतानता सुधारने में मदद करते हैं।

  2. ये माइक्रोऑर्गेनिज्म्स मिट्टी में जैविक पदार्थों को टूटने में मदद करते हैं और नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, और पोटैशियम जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों को जन्मने में मदद करते हैं जो पौधों के विकास के लिए आवश्यक होते हैं।

  3. ये माइक्रोऑर्गेनिज्म्स मिट्टी की पानी रखने की क्षमता बढ़ाने में भी मदद करते हैं, जिससे मिट्टी अधिक संवर्धनशील होती है।

  4. बायोफर्टिलाइजर यह भी सुनिश्चित करते हैं की मिट्टी में जीवाणुओं की वृद्धि होती है जैसे की कीटमक्कों जो मिट्टी को वायवीय बनाने और इसकी संरचना में सुधार करने में मदद करते हैं।

  5. इनके पदार्थ अशुद्ध फंगस और जीवाणुओं की मात्रा को भी कम करने में मदद करते हैं, जिससे मिट्टी स्वस्थ और उभरती है।

  6. इसके अलावा, बायोफर्टिलाइजर पर्यावरण के लिए हानिकारक हो सकने वाले रासायनिक उर्वरकों की मात्रा को कम करने में मदद करते हैं।

प्रश्न:

सीवेज क्या है? हमारे लिए सीवेज किस तरह हानिकारक हो सकता है?

उत्तर:

  1. सीवेज वह पानी है जो घरेलू और औद्योगिक संस्थानों द्वारा उत्पन्न किया जाता है। यह जल, मानव अपशिष्ट, साबुन और डिटर्जेंट जैसे अन्य सामग्री का मिश्रण होता है।

  2. सीवेज हमें कई तरीकों से हानिकारक हो सकता है। यह पानी की जलस्रोतों को दूषित कर सकता है, जिससे कीटाणुवामी बीमारियों जैसे काले दस्त और टायफॉयड को उत्पन्न कर सकता है। सीवेज नदी और झीलों को भी प्रदूषित कर सकता है, जिससे मछली और अन्य जलजीवन्तु जीवन की मौत हो सकती है। सीवेज माजूद विषाक्त रसायनिक और भारी धातुओं जैसे प्रदूषक रसायनों को भी शामिल कर सकता है, जिनका सांस लेने या खाने के द्वारा हानिकारक हो सकता है।

प्रश्न:

प्राथमिक और माध्यमिक सीवेज उपचार के बीच मुख्य अंतर क्या है?

उत्तर:

चरण 1: ‘प्राथमिक’ और ‘माध्यमिक’ सीवेज उपचार शब्दों को समझें।

चरण 2: प्राथमिक और माध्यमिक सीवेज उपचार के मुख्य अंतर का अध्ययन करें।

चरण 3: प्रश्न का उत्तर दें: प्राथमिक और माध्यमिक सीवेज उपचार के मुख्य अंतर यह है कि प्राथमिक उपचार वेस्टवाटर से सस्पेंडेड के कण और कुछ जैविक पदार्थ हटा देता है, जबकि माध्यमिक उपचार वेस्टवाटर से ऐसे विलीन हुए जैविक पदार्थ हटा देता है और अतिरिक्त सस्पेंडेड कण हटा देता है।

प्रश्न:

नंगी आँखों से बैक्टीरिया देखे नहीं जा सकते हैं, लेकिन इन्हें माइक्रोस्कोप की मदद से देखा जा सकता है। यदि आपको अपने घर से अपने जीवविज्ञान प्रयोगशाला तक किसी पृष्ठभूमि परिभाषा की मौजूदगी को माइक्रोस्कोप के तहत प्रदर्शित करने के लिए एक नमूना ले जाना हो, तो आप किस नमूना को ले जाएँगे और इसका कारण क्या होगा?

उत्तर:

  1. मैं अपने घर से मिट्टी का नमूना ले जाऊंगा, क्योंकि यह बैक्टीरिया के लिए एक सामान्य आवास है।

  2. मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि नमूने को साफ, एयरटाइट बंद बरतन में रखा जाए, ताकि प्रदूषण से बचा जा सके।

  3. मैं यह भी सुनिश्चित करूंगा कि नमूने को उचित तापमान पर रखा जाए, क्योंकि बैक्टीरिया जीने के लिए निश्चित तापमान श्रेणियाँ चाहिए।

  4. प्रयोगशाला में पहुंचने पर, मैं एक μद्दो से नमूने को चरम पर ट्रांसफ़र करने के लिए शुद्धिकरण तकनीक का उपयोग करूंगा।

  5. फिर मैं माइक्रोस्कोप का उपयोग करके बैक्टीरिया की मौजूदगी की जांच करने के लिए नमूना का उपयोग करूंगा।

किस प्रकार से माइक्रोब्स ने हानिकारक बैक्टीरिया द्वारा होने वाली बीमारियों को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है?

उत्तर:

  1. लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया दही, पनीर, अचार, सौरक्राउट और किमची जैसे फरमेंटेड भोजन में पाए जाते हैं।
  2. लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया के कुछ महत्वपूर्ण अनुप्रयोगों में शामिल हैं:
    • खाद्यान्न को पचाने में मदद करके पाचन को बेहतर बनाना।
    • शरीर के लिए फायदेमंद विटामिन B12 और K2 का उत्पादन करना।

-खाद्य सुरक्षा को बनाए रखने में मदद करने वाले एंजाइम्स का उत्पादन करना, जैसे कि लैक्टोबैसिलस द्वारा उत्पन्न किए गए एंजाइम्स, जो खाद्य संपोषण से बचाव में मदद करते हैं। -खाद्यशोधन संक्रमण को रोकने में मदद करने वाले एंटीमाइक्रोबियल यौगिकों का उत्पादन करना। -शरीर में कोलेस्ट्रॉल स्तर को कम करने में मदद करने वाले यौगिकों का उत्पादन करना।

प्रश्न:

क्या आपको लगता है कि कीटाणु भी ऊर्जा का स्रोत के रूप में उपयोग किया जा सकता है? अगर हां, तो कैसे?

उत्तर:

  1. हां, कीटाणु ऊर्जा के रूप में उपयोग किया जा सकता है।
  2. कीटाणुओं को माइक्रोबियल ईलेक्ट्रोलाइसिस सेल, बायोगैस उत्पादन, और माइक्रोबियल ईंधन कोशिकाएं जैसी प्रक्रियाओं के माध्यम से ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए उपयोग किया जा सकता है।
  3. माइक्रोबियल ईंधन कोशिकाएं माइक्रोऑर्गनिज्मों की चयापचय क्रिया का उपयोग करके रासायनिक ऊर्जा को इलेक्ट्रिक ऊर्जा में परिवर्तित करने के लिए उपयोग करती हैं।
  4. माइक्रोबियल ईलेक्ट्रोलाइसिस सेल माइक्रोऑर्गनिज्मों की चयापचय क्रिया का उपयोग करके पानी के आनुभूति में ऑक्सीजन और हाइड्रोजन मोलेक्यूलों को अलग करने के लिए उपयोग करती है, जो फिर इस्तेमाल के लिए एक ईंधन के रूप में उपयोग किए जा सकते हैं।
  5. बायोगैस उत्पादन माइक्रोऑर्गनिज्मों का उपयोग करके जैविक पदार्थ को मिथेन में विघटित करने की प्रक्रिया है, जो एक ईंधन के रूप में उपयोग किया जा सकता है।

प्रश्न:

आटे, चावल और चने के बांगल खीरों के उत्पादों का प्रयोग करके बनाई जाने वाली कुछ पारंपरिक भारतीय खाद्य पदार्थों के नाम बताएं।

उत्तर:

  1. इडली: चावल और काले दाल की बैटर के बनाए जाते हैं।
  2. दोसा: चावल और काले दाल की बैटर के बनाए जाते हैं।
  3. रोटी: गेहूं के आटे से बनाई जाती है।
  4. नान: गेहूं के आटे से बनाया जाता है।
  5. पानी पूरी: गेहूं के आटे और चने के बांगल से बनाई जाती है।
  6. ढोकला: चने के बांगल और चावल की बैटर से बनाए जाते हैं।
  7. खांडवी: चने के बांगल और चावल की बैटर से बनाई जाती है।
  8. पुलाव: पके हुए चावल और मसालों से बनाया जाता है।
  9. बिरयानी: पके हुए चावल और मसालों से बनाया जाता है।
  10. उपमा: सूजी या गहुंआज के आटे से बनाई जाती है।


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