अध्याय 13 हुदहुद

हुदहुद को कलगी कैसे मिली

एक बार सुलेमान नाम के बादशाह आकाश में उड़ने वाले अपने उड़नखटोले पर बैठे कहीं जा रहे थे। बड़ी गर्मी थी। धूप से वह परेशान हो रहे थे। आकाश में उड़ने वाले गिद्धों से उन्होंने कहा कि अपने पंखों से तुम लोग मेरे सिर पर छाया कर दो। पर गिद्धों ने ऐसा करने से मना कर दिया। उन्होंने बहाना बनाते हुए कहा, “हम तो इतने छोटे-छोटे हैं। हमारी गर्दन पर पंख भी नहों हैं। हम छाया कैसे कर सकते हैं!"

सुलेमान आगे बढ़ गए। कुछ दूर जाने पर उनकी भेंट हुदहुदों के मुखिया से हुई। सुलेमान ने उससे भी मदद माँगी। वह चतुर था। उसने फ़ौरन अपने दल के सभी हुदहुदों को इकट्टा करके बादशाह सुलेमान के ऊपर छाया कर दी। सुलेमान बोले, “मैंने गिद्धों से भी मदद माँगी थी। वे मेरी मदद कर सकते थे पर उन्होंने मेरी मदद नहीं की। तुम गिद्धों से छोटे तो हो पर चतुर अधिक हो। तुम सबने मिलकर मेरी सहायता की है। मैं

तुमसे बहुत प्रसन्न हूँ। मैं तुम्हारी कोई इच्छा पूरी करूँगा। बताओ, तुम्हारी

क्या इच्छा है?"

मुखिया ने कहा, “महाराज, मैं अपने सभी साथियों से सलाह करने के बाद अपनी इच्छा बताऊँगा।”

मुखिया ने साथियों से सलाह करने के बाद कहा, “महाराज! यह वरदान दीजिए कि हमारे सिर पर आज से सोने की कलगी निकल आए।”

बादशाह हँँसे और बोले-“मुखिया, इसका फल क्या होगा, यह तुमने सोच लिया है?”

मुखिया बोला “हाँ, महाराज! मैंने खूब परामर्श करके यह वर माँगा है।"

सुलेमान ने प्रार्थना स्वीकार कर ली। सभी हुदहुदों के सिर पर सोने की कलगी निकल आई। लोगों ने सोने की कलगी को देखा, तो वे हुदहुदों के पीछे पड़ गए। तीर से उन्हें मार-मारकर सोना इकट्ठा करने लगे।

हुदहुदों का वंश समाप्त होने पर आ गया। तब मुखिया घबराकर बादशाह सुलेमान के पास पहुँचा और बोला “इस सोने की कलगी के कारण तो हमारा वंश ही समाप्त हो जाएगा।”

सुलेमान ने कहा “मैंने तो शुरू में ही तुम्हें चेतावनी दी थी। खैर, जाओ, आज से तुम्हारे सिर का ताज सोने का नहीं, सुंदर परों का हुआ करेगा।” और तभी से हुदहुदों के सिर पर परों का यह ताज (कलगी) शोभा पा रहा है।

हुदहुद एक बहुत ही सुंदर पक्षी है। क्या तुम्हें पता है, इसके शरीर का सुंदर भाग कौन-सा है? इसके सिर की कलगी बहुत सुंदर है। वैसे तो यह इसे समेटे रहता है। पर जैसे ही किसी तरह की आवाज़ होती है, यह चौकन्ना होकर परों को फैला लेता है। तब यह कलगी देखने में ह-ब-ह किसी सुंदर पंखी जैसी लगने लगती है। इसी कलगी के बारे में तुमने अभी एक सुंदर कहानी भी पढ़ी है।

हुदहुद का सारा शरीर रंग-बिरंगा और चटकीला होता है। एक पक्षी और इतने सारे रंग! पंख काले-काले होते हैं जिन पर मोटी सफ़ेद धारियाँ बनी होती हैं। गर्दन का अगला हिस्सा बादामी रंग का होता है। चोटी भी बादामी रंग की होती है, मगर उसके सिरे काले और सफ़ेद होते हैं। दुम का भीतरी हिस्सा सफ़ेद और बाहरी हिस्सा काले रंग का होता है। चोंच पतली, लंबी तथा तीखी होती है। इस चोंच से यह आसानी से ज़मीन के भीतर छिपे हुए कीड़े मकोड़ों को ढूँढ़ निकालता है। इसकी चोंच नाखून काटने वाली ‘नहरनी’ से बहुत मिलती है और शायद इसीलिए कहीं-कहीं इसे ‘हजामिन’ चिड़िया के नाम से भी पुकारते हैं।

हुदहुद हमारे देश के सभी भागों में पाए जाते हैं।

तुमने इसे अपने घर के आसपास अपनी तीखी चोंच से ज़मीन खोदते हुए अवश्य देखा होगा। बोलते समय यह तीन बार ‘हुप-हुप-हुप’ सा कुछ कहता है, इसीलिए इसे अंग्रेज़ी में “हूप ऊ’ कहा जाता है। हिंदी में इसे हुदहुद कहते हैं। दूब में कीड़ा ढूँढ़ने के कारण हमारे देश में कहीं-कहीं इसे ‘पदुबया’ भी कहते हैं और सुंदर कलगी की वजह से कुछ देशों में लोग इसे ‘शाह सुलेमान’ कहकर पुकारते हैं।

मादा हुदहुद तीन से दस तक अंडे देती है। जब तक बच्चे अंडे से बाहर नहीं निकल जाते, वह अंडों पर बैठी रहती है, हटती नहीं। नर वहीं भोजन लाकर उसे खिला जाता है। पर दोनों में से कोई भी घोंसले की सफ़ाई नहीं करता।

संसार के विख्यात पक्षियों में से एक है यह हुदहुद। यह अपनी सुंदरता के लिए तो मशहूर है, पर इसे पालतू नहीं बनाया जा सकता और न ही इसकी बोली में मिठास है।

तुम्हारी समझ

(क) हुदहुद को कहीं ‘हजामिन’ चिड़िया और कहीं ‘पदुबया’ के नाम से पुकारते हैं। क्यों?

(ख) हुदहुद की चोंच पतली, लंबी और तीखी होती है। इस बात को ध्यान में रखकर बताओ-

  • वे कैसा भोजन खाते होंगे?

  • चोंच से वे क्या-क्या काम ले सकते होंगे?

मैंने जाना

पाठ में से ऐसे शब्दों की सूची बनाओ जो पक्षियों के लिए इस्तेमाल होते हैं।

जानती थी पढ़कर मालूम हुआ जानना चाहती हूँ कैसेकहाँ से पता लगाऊँगी?

पाठ पढ़ने के बाद अपनी कॉपी में एक तालिका तैयार करो और उस तालिका में मालूम की गई जानकारी लिखो।

पहचानें कैसे?

(क) अगर तुम्हें हुदहुद को पहचानने में किसी की मदद करनी है तो तुम उसे कौन-सी बातें बताओगे? चार-पाँच वाक्यों में लिखो।

(ख) अब कौवे या कबूतर को पहचानने के लिए चार-पाँच बिंदु लिखो। यह लिखने के लिए तुम्हें इन पक्षियों को कुछ समय तक बहुत गौर से देखना होगा।

तरह-तरह के नाम

तुम्हारे आसपास कौन-कौन से पक्षी पाए जाते हैं, उनके नामों की सूची बनाओ। तुम्हारे और तुम्हारे दोस्तों के घर की भाषा में इन्हें क्या कहते हैं?

जिन पक्षियों के नाम तुम्हें पता नहीं है, उनके नाम तुम्हें पता करने होंगे।

बातचीत

तुमने हुदहुद से जुड़ी एक कहानी पढ़ी है। उस कहानी को बातचीत के रूप में लिखो। नीचे हमने इस बातचीत को तुम्हारे लिए शुरू कर दिया है-

शाह सुलेमान - $\quad$ अरे भाई गिद्ध! ज़रा मेरी बात तो सुनो।

गिद्ध (उड़ते-उड़ते ) - $\quad$ कहिए, मगर ज़रा जल्दी से।

शाह सुलेमान - $\quad$ ………………………..

गिद्ध - $\quad$ ……………………………

तुम अपने दोस्तों के साथ बातचीत को कक्षा में नाटक के रूप में प्रस्तुत कर सकते हो।

रंगा-रंग

(क) हुदहुद का सारा शरीर रंग-बिरंगा और चटकीला होता है। हुदहुद का रंग चटकीला बताया गया है। रंग कैसे हैं- यह बताने के लिए कुछ शब्दों का इस्तेमाल किया जा सकता है। जैसे, फीके रंग, चटकीले रंग आदि।

बताओ कि ऐसे रंग किन-किन चीज़ों के होते हैं।

रंग का नाम इस रंग की चीज़ों के नाम
गहरा …………………………….
फीका …………………………….
भड़कीला …………………………….
सुनहरा …………………………….

(ख) यूनी ने आसमानी रंग की कमीज़ पहनी है।

‘आसमानी’ रंग का नाम कैसे बना होगा? सोचो।

ऐसे ही कुछ और रंगों के नाम लिखो जो किसी चीज़ के नाम पर पड़े हैं।

………………………………….. $\quad$ …………………………………..

………………………………….. $\quad$ …………………………………..

………………………………….. $\quad$ …………………………………..

………………………………….. $\quad$ …………………………………..

(संकेत- फल, सब्ज़ी, पत्तों आदि के नामों पर)

शब्द एक-अर्थ अनेक

  • शाह की भेंट हुदहुदों के मुखिया से हुई।

  • मुझे मेरी बहन ने एक बहुत सुंदर भेंट दी।

ऊपर वाले वाक्य में भेंट का मतलब मुलाकात से है, नीचे वाले वाक्य में उपहार से। तुम भी कोई ऐसे चार शब्द सोचो जिनके दो मतलब निकलते हों। उनका वाक्यों में प्रयोग करो।

(क) ……………………………………………………………………….

(ख) ……………………………………………………………………….

(ग) ……………………………………………………………………….

(घ) ……………………………………………………………………….

नाम

हुदहुद एक बहुत ही सुंदर पक्षी है। हुदहुद और पक्षी, दोनों को ही हम संज्ञा कहते हैं। अब नीचे दी गई तालिका को आगे बढ़ाओ।

हुदहुद पक्षी
भारत देश
अनार फल
……………. …………….
……………. …………….


sathee Ask SATHEE

Welcome to SATHEE !
Select from 'Menu' to explore our services, or ask SATHEE to get started. Let's embark on this journey of growth together! 🌐📚🚀🎓

I'm relatively new and can sometimes make mistakes.
If you notice any error, such as an incorrect solution, please use the thumbs down icon to aid my learning.
To begin your journey now, click on

Please select your preferred language
कृपया अपनी पसंदीदा भाषा चुनें