अध्याय 22 यात्रा की तैयारी

शिक्षण बिंदु

जाऊँगा-जाओगे। जाएगा-जाएँगे।

निशा : पिता जी, दशहरे की छुट्टियों में हम मैसूर जाएँगे।

निशांत : नहीं पापा, पिछले साल मैं स्कूल की टीम में मैसूर गया था। इसलिए कहीं और जाएँगे।

निशा : मैं तो मैसूर का दशहरा ही देखना चाहूँगी।

पिता : अब मैसूर के लिए रिज़र्वेशन मिलना कठिन है। अबकी बार हम कन्याकुमारी जाएँगे।

निशा : तब तो बड़ा मज़ा आएगा। कन्याकुमारी में तीन सागरों का संगम होता है। वहाँ हम सूर्योदय भी देखेंगे और सूर्यास्त भी देखेंगे।

पिता : हाँ बेटी, पूर्णिमा के दिन शाम को कन्याकुमारी में चंद्रमा का उदय और सूर्य का अस्त हो ना एक साथ दे खा सकते हैं। क्यों मीना तुम भी चलोगी न? छुट्टी मिल जाएगी?

माँ : क्यों नहीं? मेरी तो काफी छुट्टियाँ बाकी हैं। आराम से मिल जाएँगी। हम लोग कन्याकुमारी कैसे जाएँगे?

पिता : हम तिरुअनंतपुरम् तक राजधानी एक्सप्रेस से जाएँगे। वहाँ से कन्याकुमारी ज़्यादा दूर नहीं है। रेल या बस से जा सकते हैं।

निशांत : शाम से पहले कन्याकुमारी पहुँचना अच्छा रहेगा। तभी हम सूर्यास्त देख सकते हैं। हम रात को विवेकानंद नगर में ठहरेंगे। सुबह जल्दी उठकर समुद्र के किनारे पहुँचेंगे और सूर्योदय देखेंगे।

पिता : सूर्योदय देखने के बाद हम नाश्ता करेंगे और विवेकानंद स्मारक देखने जाएँगे।

माँ : विवेकानंद स्मारक में क्या है?

पिता : विवेकानंद स्मारक कन्याकुमारी के पास समुद्र के किनारे थोड़ी दूर पर एक बड़ी चट्टान पर बना है। हम लोग मोटर लांच से स्मारक पहुँचेंगे। वहाँ पर विवेकानंद और रामकृष्ण परमहंस की मूर्तियाँ हैं। चट्टान पर खड़े होकर हम समुद्र की लहरों का आनंद लेंगे।

निशा : बहुत अच्छा। वहाँ से सीपियाँ और शंख लाऊँगी।

पिता : निशांत, आज ही जाकर रिज़र्वेशन करा लाओ। हाँ एक बात याद रखना यात्रा में कम सामान रखना चाहिए। कहा भी है कि कम सामान बहुत आराम, अपनी यात्रा सुखद बनाइए।

अभ्यास

1. पढ़ो और सुनो

दशहरा सागर सूर्योदय विवेकानंद कन्याकुमारी
मोटर लांच पूर्णिमा संगम सूर्यास्त विशाल मूर्ति
चट्टान लहर एक साथ पहुँचना तिरुअनंतपुरम्
आनंद लेना रामकृष्ण परमहंस याद रखना सीपियाँ और शंख
राजधानी एक्सप्रेस

2. पढ़ो और समझो

मुश्किल-कठिन ज़्यादा-कम मज़ा-उमंग
पास-दूर ज़्यादा-अधिक मुश्किल-आसान
लहर-तरंग उदय-अस्त सुखद-सुख देनेवाला, अरामदायक
बैठना-खड़ा होना।

3. तालिका के प्रत्येक कालम से एक-एक शब्द लेकर वाक्य बनाओ

(क)
मैं घर जाऊँगा, करूंगा जाऊँगा, करूँगा
तुम काम जाओगे, करोगे जाओगी, करोगी
वह जाएगा, करेगा जाएगी, करेगी
हम जाएँगे, करेंगे जाएँगी, करेंगी
आप
वे
(ख)
राजेश जयपुर जाएगी
गौरी बेंगलूर जाएगा
पिता जी जाएँगी जाएंगे
माता जी
लड़कियाँ

4. समान अर्थवाले शब्दों को रेखा खींचकर मिलाओ

सागर शाम
मुश्किल आरामदायक
संध्या आनंद
मज़ा कठिन
सुखद समुद्र

5. कोष्ठक में दिए गए शब्दों की सहायता से वाक्य पूरे करो

काफ़ी, संगम, राजधानी, मोटर लांच

  1. कन्याकुमारी में तीन सागरों का $…………………$ होता है।

  2. हम तिरुअनंतपुरम् तक $…………………$ एक्सप्रेस से जाएँगे।

  3. मेरी तो $…………………$ छुट्टियाँ बाकी हैं।

  4. हम लोग $…………………$ से स्मारक पहुँचेंगे।

6. नमूने के अनुसार वाक्य बदलो

नमूना:

तुम्हें यात्रा में सामान कम रखना चाहिए।
देखो, सामान कम रखना।

1. सभी को मिठाई कम खानी चाहिए। $…………………$
2. हमें रात को भोजन कम करना चाहिए। $…………………$
3. सभा में कम बोलना चाहिए। $…………………$

7. नमूने के अनुसार वाक्य बदलकर लिखो

नमूना:

गोपाल बाज़ार जा रहा है।
वह बाज़ार जाएगा।

1. पिता जी चिट्ठी लिख रहे हैं। $…………………$
2. लता साइकिल चला रही है। $…………………$
3. हम फिल्म देख रहे हैं। $…………………$
4. मैं तेलुगु पढ़ रही हूँ। $…………………$
5. तुम क्या कर रहे हो? $…………………$

8. प्रश्नों के उत्तर दो

  1. निशा मैसूर क्यों जाना चाहती थी?

  2. निशा का परिवार कन्याकुमारी कैसे जाएगा?

  3. शाम से पहले कन्याकुमारी पहुँचना क्यों ज़रूरी है?

  4. पूर्णिमा की संध्या को कन्याकुमारी में क्या देख सकते हैं?

  5. लोग विवेकानंद स्मारक कैसे पहुँचते हैं।?

योग्यता विस्तार

  • विद्यार्थी शैक्षिक टूर/पिकनिक पर जाने की योजना पर चर्चा करें और इसके बारे में सभी विद्यार्थियों की राय लें।

  • किसी दर्शनीय स्थल या शहर के बारे में वर्णन करें।



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